
“चाहे आपका घर और गाड़ी कितनी भी आलीशान क्यों न हो, आप उन्हें हमेशा अकेले रहकर उपभोग नहीं कर सकते। चीज़ों में रौनक तो लोगों से ही आती है।”
“चाहे आपका घर और गाड़ी कितनी भी आलीशान क्यों न हो, आप उन्हें हमेशा अकेले रहकर उपभोग नहीं कर सकते। चीज़ों में रौनक तो लोगों से ही आती है।”

“चाहे आपका घर और गाड़ी कितनी भी आलीशान क्यों न हो, आप उन्हें हमेशा अकेले रहकर उपभोग नहीं कर सकते। चीज़ों में रौनक तो लोगों से ही आती है।”
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