
“बुरे समय में भी कुछ न कुछ सकारात्मक निकल ही आता है — चाहे वह कोई जीवन- सबक हो या कोई ऐसी सीख, जो आपको दूसरों से एक कदम आगे रखे.”
“बुरे समय में भी कुछ न कुछ सकारात्मक निकल ही आता है — चाहे वह कोई जीवन- सबक हो या कोई ऐसी सीख, जो आपको दूसरों से एक कदम आगे रखे.”

“बुरे समय में भी कुछ न कुछ सकारात्मक निकल ही आता है — चाहे वह कोई जीवन- सबक हो या कोई ऐसी सीख, जो आपको दूसरों से एक कदम आगे रखे.”
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