शनिवार का विचार ✦

“कभी-कभी ख़ामोशी शब्दों से ज़्यादा बोलती है। भरोसा, अपनापन और जुड़ाव एक दिन में वापस नहीं आते—ये धीरे-धीरे लौटते हैं, जैसे सर्दियों के बाद फूल खिलते हैं। अपने साथ और दूसरों के साथ धैर्य रखें, क्योंकि असली रिश्ते कदम-दर-कदम मज़बूत होते हैं।”


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