
“कभी-कभी हम लोगों से बहुत ज़्यादा उम्मीदें लगा लेते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि हर कोई अपनी ज़िंदगी में व्यस्त होता है। अगर कोई कुछ समय के लिए आपको भूल भी जाए तो ज़्यादा मत सोचो। बल्कि जब वो आपके साथ समय बिताएँ, तो उसका आभार मानो और जब न हों तो स्वीकार करो। सच्ची शांति तब आती है जब हम ज़बरदस्ती करना छोड़कर सराहना करना सीखते हैं।”






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