
“जिस पल तुम दूसरों की स्वीकृति का पीछा करना छोड़ देते हो,
उसी पल तुम अपने आनंद और प्रेम की तरंगों को अपनाना शुरू करते हो।”
✨ अर्थ: जब हम खुद को मान्यता देने लगते हैं, तब सच्ची खुशी और प्रेम भीतर से खिलने लगता है।

“जिस पल तुम दूसरों की स्वीकृति का पीछा करना छोड़ देते हो, उसी पल तुम अपने आनंद और प्रेम की तरंगों को अपनाना शुरू करते हो।” ✨ अर्थ: जब हम खुद को मान्यता देने लगते हैं, तब सच्ची खुशी और प्रेम भीतर से खिलने लगता है।

“जिस पल तुम दूसरों की स्वीकृति का पीछा करना छोड़ देते हो,
उसी पल तुम अपने आनंद और प्रेम की तरंगों को अपनाना शुरू करते हो।”
✨ अर्थ: जब हम खुद को मान्यता देने लगते हैं, तब सच्ची खुशी और प्रेम भीतर से खिलने लगता है।
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