
“खुशी बाहर से नहीं आती —
वह आपके भीतर धीरे-धीरे खिलती है।
अपनी शांति को सँजोए रखें, अपनी मुस्कान को बचाए रखें,
और आज का दिन हल्का महसूस होने दें।”

“खुशी बाहर से नहीं आती —वह आपके भीतर धीरे-धीरे खिलती है।अपनी शांति को सँजोए रखें, अपनी मुस्कान को बचाए रखें,और आज का दिन हल्का महसूस होने दें।”

“खुशी बाहर से नहीं आती —
वह आपके भीतर धीरे-धीरे खिलती है।
अपनी शांति को सँजोए रखें, अपनी मुस्कान को बचाए रखें,
और आज का दिन हल्का महसूस होने दें।”
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Leave a comment