
“दूसरों को कभी भी अपनी रिश्ते की परिभाषा तय न करने दें,
केवल उस आधार पर जो उन्हें बाहर से दिखाई देता है।
प्यार सार्वजनिक राय में नहीं, बल्कि निजी पलों में जीया जाता है।
जो लोग बिना समझे आपकी ज़िंदगी पर टिप्पणी करने का अधिकार समझते हैं,
उनके साथ स्पष्ट सीमाएँ तय करना ज़रूरी है।”






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