
“मैं चीजों के गलत होने की संभावनाओं को स्वीकार करता हूँ. जो भी होगा, मैं उसके लिए तैयार हूँ. लेकिन डर मेरे आत्मविश्वास को हरा नहीं सकता— न आज, और न ही कल.”
“मैं चीजों के गलत होने की संभावनाओं को स्वीकार करता हूँ. जो भी होगा, मैं उसके लिए तैयार हूँ. लेकिन डर मेरे आत्मविश्वास को हरा नहीं सकता— न आज, और न ही कल.”

“मैं चीजों के गलत होने की संभावनाओं को स्वीकार करता हूँ. जो भी होगा, मैं उसके लिए तैयार हूँ. लेकिन डर मेरे आत्मविश्वास को हरा नहीं सकता— न आज, और न ही कल.”
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