
“हर रोज़ के आपसी झगड़ों को सुलझाने का आसान तरीका यह है कि व्यंग्यपूर्ण बातें और ताने घर के बाहर ही छोड़ दिए जाएं। किसी काम को बार-बार कहना भी पड़े तो शांत और मधुर स्वभाव से ही कहें।”
“हर रोज़ के आपसी झगड़ों को सुलझाने का आसान तरीका यह है कि व्यंग्यपूर्ण बातें और ताने घर के बाहर ही छोड़ दिए जाएं। किसी काम को बार-बार कहना भी पड़े तो शांत और मधुर स्वभाव से ही कहें।”

“हर रोज़ के आपसी झगड़ों को सुलझाने का आसान तरीका यह है कि व्यंग्यपूर्ण बातें और ताने घर के बाहर ही छोड़ दिए जाएं। किसी काम को बार-बार कहना भी पड़े तो शांत और मधुर स्वभाव से ही कहें।”
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