
“किसी की जरूरत उतनी नहीं होती, जितनी हम अपने मन में सोच लेते हैं कि होती है — फिर चाहे वो कोई भी क्यों न हो।”
“किसी की जरूरत उतनी नहीं होती, जितनी हम अपने मन में सोच लेते हैं कि होती है — फिर चाहे वो कोई भी क्यों न हो।”

“किसी की जरूरत उतनी नहीं होती, जितनी हम अपने मन में सोच लेते हैं कि होती है — फिर चाहे वो कोई भी क्यों न हो।”
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