
“शब्द तीर की तरह होते हैं—एक बार निकल गए तो वापस नहीं आते।
उन्हें आज सोच-समझकर चुनो, ताकि कल पछताना न पड़े।”

“शब्द तीर की तरह होते हैं—एक बार निकल गए तो वापस नहीं आते।उन्हें आज सोच-समझकर चुनो, ताकि कल पछताना न पड़े।”

“शब्द तीर की तरह होते हैं—एक बार निकल गए तो वापस नहीं आते।
उन्हें आज सोच-समझकर चुनो, ताकि कल पछताना न पड़े।”
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